Garbhavastha Me Safed Pani Ki Samasya Ka Upchaar गर्भावस्था में सफेद पानी की समस्या का उपचार
Garbhavastha Me Safed Pani Ki Samasya Ka Upchaar
गर्भावस्था और ल्यूकोरिया-
गर्भावस्था के समय स्त्री के शरीर में हाॅर्मोन्स परिवर्तित होते हैं, जिस कारण उनके शरीर में भी बहुत से बदलाव आते हैं, जैसे कि योनि में से सफेद पानी(white discharge) का गिरना।
क्या आप भी गर्भवती हैं और ‘सफेद पानी’ गिरने की समस्या के कारण बहुत परेशान हैं?
..तो आपको अधिक चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ये लक्षण आपको यौन अवस्था से लेकर तब तक दिखता रहता है, जब तक कि औरत प्रजनन करने में सक्षम होती है।
दरअसल इस रोग में मृत कोशिकाएं बाहर आती हैं, जोकि आपकी योनि को साफ और इन्फेक्शन से बचाने का काम करता है। लेकिन गर्भावस्था के समय आपको अधिक सफेद पानी गिरने की समस्या आ रही है, तो इसका अर्थ है कि आपका हॉस्पिटल जाने का समय आ गया है और अगर आपको ये आखिरी महीने से पहले ज्यादा मात्रा में आने लगता है, तो आपको बिना देरी किये तुरंत अपने चिकित्सक को दिखाना चाहिए। वैसे चिंता करने की कोई बात नहीं है, गर्भावस्था के समय इसका सामान्य रूप से आना एक आम बात होती है।
इस रोग को अंग्रेजी में leucorrhea के नाम से जाना जाता है। कुछ स्त्रियां तो गर्भावस्था के दौरान इसे देखकर घबरा भी जाती हैं, जोकि नहीं होना चाहिए।
चलिए जानते हैं कि यह समस्या क्यों है और ये कब आपके लिए समस्या बन सकता है और इस समस्या के लिए क्या उपाय कर सकते हैं। अगर आप यौनांग को इन्फेक्शन से बचाना चाहते हैं, तो आपके लिए ये अच्छा होता है और गर्भावस्था की तो ये तीनों तिमाही में देखने को मिलता है, तो चलिए अब विषय पर में विस्तार से चर्चा करते हैं।
यह आर्टिकल आप safedpani.com पर पढ़ रहे हैं..
कारण?
गर्भावस्था की तीनि तिमाही में आपको ल्यूेकोरिया की समस्या देखने को मिलता है, ये cervical mucus होता है, यह बदबूदार और सफेद रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है और यह औरत के जनन तंत्र को सही रखने का काम करता है। इसके कारण स्त्री के जनन तंत्र को संक्रमण से सुरक्षा और भू्रण का भी इसकी वजह से बचाव होता है। इसका टेक्सचर भी प्रेगनेंसी के दौरान बदलता है, जैसे कि कभी ये गाढ़ा या गुलाबी रंग का निकलता है और प्रेगनेंसी प्रारम्भ में यह गाढे रंग का होता है। इसका कारण एस्ट्रोजेन की मात्रा का ज्यादा होना होता है।
तो चलिए अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी की तीनों तिमाही में इसके क्या लक्षण हो सकते हैं..
गर्भावस्था की पहली तिमाही (1st to 13 weeks) में ल्यूेकोरिया की समस्या:
पहली तिमाही में यह पतला और रंगहीन होता है और समय के साथ ये गाढ़ा हो जाता है और ये पहली तिमाही में अधिक मात्रा में होता है और अगर आपको इसके कुछ लक्षण असमान्य दिखें, तो आपको इस विषय पर अपने चिकित्सक से मिलकर परामर्श लेना चाहिए।
दूसरी तिमाही (14 to 26 weeks) में :
दूसरी तिमाही में ये अंडे के सफेद भाग की तरह निकलता है और यह गंढीं और सामान्य रंग का ही होता है, लेकिन अगर आपको इसके साथ ब्लड देखने को मिलता है, तो इस विषय में आप अपने चिकित्सक से राय ले सकते हैं।
तीसरी तिमाही(27 to 40 weeks) में :
तीसरी तिमाही में भी ल्यूेकोरिया की समस्या सामान्य होता है और कई बार इसके साथ खून के थक्के भी आने लगते हैं। आप चाहें तो इस विषय में अपने चिकित्सक से राय ले सकते हैं, लेकिन तीसरी तिमाही में ब्लड के थक्के आना आम बात होती है।
आखिरी पड़ाव(स्टेज) पर :
डिलीवरी के समय के आसपास ल्यूेकोरिया की समस्या इस ओर इशारा करता है कि आपके गर्भ में पल रहा शिशु अपने आपको बाहर लाने के लिए तैयार कर रहा है और कभी आपको लगे कि यह मूत्र की तरह आ रहा है, तो इसे देखकर घबराने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है। यह amniotic fluid का लीकेज होता है और यह इस बात का इशारा होता है, कि आप हॉस्पिटल जाने वाली हैं।
क्या गर्भ में पल रहे शिशु के लिए तो नुसानदायक नहीं है यह रोग?
बता दें कि यह रोग, गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा के लिए बनता है और इसकी वजह से शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है। अगर आपको किसी तरह का इन्फेक्शन यानी संक्रमण हो जाये, तो यह हानिकारक हो सकता है, इसीलिए आपको चाहिए कि आप अपने यौनांग की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। इससे संक्रमण होने की संभावना कम बनी रहती है।
ल्यूेकोरिया से होने वाले संक्रमण से बचने के उपाय :
– अपने यौनांग की अच्छे से साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। जितनी बार शौच के लिए जाएं, उतनी बार अपने गुप्तांग को अच्छे से धोकर सुखाएं।
– अपने यौनांग की साफ-सफाई के लिए किसी साबुन या जैल का इस्तेमाल करें और हर रोज उसी से अपने यौनांग को धोने के बाद सूखने पर कपडे़ पहनें। साबुन और जैैल के चुनाव के लिए अपने चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।
– हल्के कॉटन के अंडरवियर का चुनाव करें और प्रतिदिन नियमित रूप से अंडरवियर को बदलें।
– आप सुरक्षा के लिए पैड का प्रयोग भी कर सकती हैं, ताकि आपको ज्यादा परेशानी न हो और आप आरामदायक महसूस कर सकें।
– इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि अपने गुप्तांग के लिए कभी भी खुशबूदार क्रीम या पाउडर का प्रयोग न करें।
– किसी भी प्रकार की सेक्सुअल दिक्कत या परेशानी महसूस होने पर आप अपनी महिला डॉक्टर से अवश्य मिलें।
– कोशिश करें कि गर्भावस्था के दौरान पब्लिक टॉयलेट्स का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे भी भी आपको इन्फेक्शन की समस्या पैदा होने की संभावना बनी रहती है।
– अपने खान-पान का भी खास ध्यान रखें, क्योंकि कई बार गलत खान-पान भी संक्रमण की वजह बन सकता है।
– कभी भी आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई परेशानी व असामान्य स्थिति का अनुभव हो तो, बिना देरी किये अपने चिकित्सक से अवश्य मिलें। उनसे मिलकर खुलकर समस्या बतायें, हिचकिचायें नहीं।
तो ये कुछ बातें हैं, जिनका आपको गर्भावस्था मेें निकले वाले पानी के संबंध में विशेष ध्यान रखना होता है। इसके अलावा आपको सफेद पानी के रंग, टेक्सचर और गंध पर भी खास ध्यान देना चाहिए। अगर यह पतला, गाढ़ा या रंगहीन है तो कोई समस्या नहीं है, परंतु यदि किसी तरह का संक्रमण होता है, तो आप इसके रंग और गंध को देखकर पता कर सकते हैं और यदि आपको कुछ भी असमान्य लगे तो आपको फौरन चिकित्सक के से मिलना चाहिए।
सेक्स से संबंधित अन्य जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.. http://chetanonline.com/