Mahilao Ko Safed Pani Aane Ki Samasya Ka Ilaj

Mahilao Ko Safed Pani Aane Ki Samasya Ka Ilaj

महिलाओं को सफेद पानी आने की समस्या का इलाज

श्वेत प्रदर(Leucorrhoea)-

प्रदर का मतलब है स्त्री के योनि से एक चिपचिपे पदार्थ का रिसाव होना यूं तो स्त्री की योनि मार्ग का गीला रहना कोई दोष या बीमारी नहीं है। लेकिन जब चिपचिपे पदार्थ का रिसाव योनि से बाहर टपकने लगे और अंदर के पहने हुए कपड़ों में दाग-धब्बे पड़ने लगे तो यह दोष गंभीर हो जाता है।
इस स्राव से बदबू आने लगती है तथा स्राव कभी पतला, कभी मवाद जैसा पीला तथा लाल आने लगता है। ऐसी स्थिति में स्त्री की योनि में खुजली व सूजन की शिकायत भी हो जाती है। जब ये शिकायत और बढ़ जाती है तो मासिक धर्म की गड़बड़ी के साथ, पाचन शक्ति कमजोर पड़ना, खून की कमी, भूख न लगना, सिर में दर्द व चक्कर, आंखों की रोशनी में कमी, आलस्य, सुस्ती, पिंडलियों में दर्द आदि की परेशानी पैदा हो जाती है।

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आजकल इस रोग की शिकायत से पीड़ित स्त्रियों की संख्या कुछ अधिक हो गई है, क्योंकि इस रोग का मुख्य कारण पौष्टिक भोजन की कमी, दूषित वातावरण और मानसिक चिंता विशेष रूप से है। आज घर-गृहस्थी के खर्च सही तरीके से चलाने की चिंता पुरूषों की अपेक्षा स्त्रियों को अधिक होती है। इसी जिम्मेदारी के कारणर वे ज्यादा पौष्टिक भोजन नहीं ले पातीं, जिससे अधिकांश स्त्रियों में श्वेत प्रदर का रोग हो जाता है।
वहीं दूसरी ओर कुछ स्त्रियां ऐसी भी होती है, जोकि आर्थिक रूप से काफी समृद्ध होती हैं। उन्हें घर-गृहस्थी के खर्च की भी चिंता नहीं होती, लेकिन वह अपने भोजन में हरी सब्जियों व पौष्टिक तत्वों का इस्तेमाल न करके तेज जायकेदार मिर्च-मसालों एवं चटपटे, खट्टे-मीठे व्यंजनों को अधिक महत्व देती हैं तथा बंद एयर कंडीशन कमरों में घुटे हुए वातावरण में रहती हैं, जिससे उन्हें भी श्वेत प्रदर की शिकायत होने लगती है।
इसके अतिरिक्त श्वेत प्रदर का एक और मुख्य कारण अतृप्ति है। कुछ स्त्रियां अपे पति की सेक्स कमजोरी के कारण सहवास में पूरी तरह तृप्त नहीं हो पातीं, जिससे उनका मानसिक तनाव बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में भी स्त्री प्रदर रोग से पीड़ित हो जाती है। अतः समझदार स्त्रियों को चाहिए कि वे अपने प्रदर रोग की रोकथाम के लिए पति को भी मर्दाना ताकत बढ़ाने वाले इलाज के लिए प्रेरित करें, ताकि दोनों पति-पत्नी निरोग होकर अपना गृहस्थ जीवन सुखमय व्यतीत कर सकें।

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श्वेत प्रदर में आराम के लिए ये रहे देसी घरेलु नुस्खे-

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1. इमली के 4 बीज लेकर इन्हें साफ शुद्ध पानी में लगभग 24 घण्टे तक भिगो दें। सुबह छिलका उतार कर व पीसकर दूध के साथ लेने से श्वेत प्रदर में आराम पहुंचता है।

2. गोखरू, पापड़िया कत्था, कतीरा गोंद और सेलखड़ी समान भाग लेकर कपड़छन चूर्ण बनायें। इसे 5 से 10 ग्राम तक बकरी के दूध के साथ रोगी स्त्री को सेवन करायें। इस प्रयोग से सब प्रकार के प्रदर रोगों में बहुत जल्दी आराम मिलता है।

3. चैलाई की जड़ का चूर्ण 3 ग्राम से 5 ग्राम की मात्रा में, चावलों के धोवन में शहद मिलाकर उसके साथ सेवन करायें।

4. त्रिफला, मुलहठी, नागरमोथा और लोध के चूर्ण को शहद में मिलाकर रोगिणी को दें। श्वेत प्रदर छू मंतर हो जायेगा।

Mahilao Ko Safed Pani Aane Ki Samasya Ka Ilaj

5. गिलोय का स्वरस भी श्वेत प्रदर में बहुत फायदेमंद होता है, रोगी महिला को दें।

6. बेर का चूर्ण गुड़ में मिलाकर रक्त प्रदर में सेवन कराने से बहुत जल्दी आराम प्राप्त होता है।

7. आमला का चूर्ण 3 ग्राम, शहद के साथ सुबह-शाम श्वेत प्रदर से पीड़ित स्त्री को सेवन कराने से आराम मिलता है।

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8. सूखा सिंघाड़ा चूर्ण करके रखें और 3-3 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर रोगी महिला को सुबह-शाम सेवन करायें। यह योग श्वेत प्रदर में गजब का आराम दिलाता है।

9. केले की पकी हुई फली यदि श्वेत प्रदर से पीड़ित स्त्री को सेवन करायें, तो इस रोग में लाभ होता है। साथ ही इसमें छोटी इलायची का चूर्ण भी मिला लें।

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