Mahilaon Ko Safed Pani Aane Ke Desi Gharelu Upay
महिलाओं को सफेद पानी आने के देसी घरेलू उपाय
श्वेत प्रदर, ल्यूकोरिया(Leucorrhea)
श्वेत प्रदर स्त्रियों को होने वाला रोग है। गर्भाशय से द्रव पदार्थों के स्राव को यूनानी में ‘सैलानुर्रेहम’ कहते हैं। यह हानिकारक रोग है, जो स्त्रियों को अंदर ही अंदर खोखला करता जाता है। प्रत्यक्ष में तो यह एक साधारण-सा रोग दिखायी देता है, किन्तु इसके उपचार में लापरवाही करने से रोग बढ़ता ही चला जाता है। इस रोग से पीड़ित महिलाओं में दुर्बलता के अतिरिक्त अन्य कई विकार उत्पन्न होकर गर्भधारण करना कठिन हो जाता है।
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श्वेत प्रदर के कारण-
कभी सुज़ाक या उपदंश(आतशक) या निकरस के रोगों के कारण भी यह रोग होता है। कभी-कभी गर्भाशय शोथ या गर्भाशय के अपने सही स्थान से हट जाने के कारण भी यह रोग उत्पन्न हो सकता है। या अन्य किसी कारण से मासिकधर्म के बंद होने से या कम आयु में गर्भाधारण करने, योनिशोथ, योनि विकार या शरीर की साधारण दुर्बलता एवं रक्ताल्पता के कारण यह रोग हो जाता है। कभी-कभी ठण्डी एवं रसदार चीजों के खाने से अधिक द्रव पदार्थ के शरीर में उत्पन्न होने से श्वेत प्रदर आता है।
लक्षण एवं चिन्ह-
– कमर में दर्द होता है। पेड़ू में बोझ और दर्द होता है।
– बार-बार अधिक मूत्र आता है।
– स्त्री मलीन एवं सुस्त रहती है।
– किसी भी काम में मन नहीं लगता है।
– सामान्य शारीरिक दुर्बलता एवं भूख की कमी हो जाती है।
– मासिकधर्म कष्टमय आता है।
– योनि में खराश होती है।
– सफेद छांछ के समान सफेद द्रव स्रावित होता है।
– जब तक यह रोग रहता है, ऐसी महिला को गर्भधारण करना असंभव होता है। कभी-कभी गर्भधारण होने के पश्चात् गर्भावस्था में ही यह रोग हो सकता है।
– ऐसी दशा में महिला की योनि में अत्यधिक खुजली होकर श्वेतद्रव पदार्थ अधिक आता है।
– नवीन वधु एवं युवा स्त्रियों में भी योनि के विकार के कारण यह कष्ट हो जाता है।
– यदि वृद्धावस्था में यह रोग उत्पन्न हो जाये तो योनि से पनीर के समान जमा हुआ श्वेत पदार्थ निकलता है।
– युवा स्त्रियों में सफेद लेसदार द्रव पतला एवं चमकदार आता है जो योनि के किनारों पर चिपक जाता है। इस रोग के लक्षण एवं चिन्ह स्पष्ट एवं रोग की गंभीरता को बताते हैं।
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ल्यूकोरिया(सफेद पानी आना) के लिए देसी नुस्खे-
आंवला-
आंवला स्त्रियों के प्रदर रोग में रामबाण की तरह असर करता है। चाहे आप आवलें की सब्जी खाएं, मुरब्बा खाएं, चटनी खाएं। मगर स्त्रियों इसका नियमित सेवन करना चाहिए।
अशोक की छाल-
श्वेत प्रदर में अशोक की छाल का चूर्ण और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर गाय के दूध के साथ 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार कुछ हफ्ते तक सेवन करते रहने से सफेद पानी की परेशानी में राहत पहुंचती है। खूनी प्रदर में अशोक की छाल, सफेद जीरा, दालचीनी और इलायची के बीज को उबाल कर काढ़ा तैयार करें और छानकर दिन में 3 बार सेवन करें।
केला और घी-
एक पका हुआ केला छील कर 6 ग्राम गाय के शुद्ध देसी घी के साथ रोज सुबह-शाम खायंे। 8 से 15 दिन के अंदर ये समस्या खत्म हो जायेगी। यदि केला और घी ठंडा असर करें, तो 4-6 बूंदे शहद मिला लें। मगर ख्याल रखें, शहद और घी समान मात्रा में कभी ना मिलायें वरना यह आपके स्वास्थ्य के लिए जहर का काम कर सकता है।
मुलहठी-
मुलहठी को पीसकर पाउडर बना लें। फिर इसी पाउडर को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह-शाम पीने से सफेद पानी आना की समस्या समाप्त हो जाती है।
जामुन की छाल या गुठली-
छाया में सुखाई जामुन की छाल का चूर्ण या जामुन की गुठली का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार पानी के साथ कुछ दिन तक रोज खाने से फायदा पहुंचता है।
बड़ी इलायची-
बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले सफेद पानी की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
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जीरा और मिश्री-
जीरा और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इस चूर्ण को चावल के धोवन के साथ प्रयोग करने से ल्यूकोरिया में राहत पहुंचती है।
Mahilaon Ko Safed Pani Aane Ke Desi Gharelu Upay
नीम और बबूल-
नीम की छाल और बबूल की छाल को समान मात्रा में मोटा-मोटा कूटकर, इसके चैथाई भाग का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम लेने से श्वेतप्रदर में फायदा होता है। खूनी प्रदर में 10 ग्राम नीम की छाल के साथ समान मात्रा को पीसकर 2 चम्मच शहद को मिलाकर एक दिन में 3 बार खुराक के रूप में पिलायें।
मेथी-
मेथी को सुखाकर बना गया चूर्ण या पाउडर के जल में भिगाये हुए किसी साफ कपड़े को स्त्री यदि अपन यौनांग में रखती है तो उसकी श्वेत प्रदर की समस्या समाप्त हो जाती है। रात्रि में पिसी हुई दाना मेथी के 4 चम्मच को सफेद और स्वच्छ भीगे हुए महीन कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर अन्दर योनि में रखकर सो जायें। पोटली को साफ और मजबूत लम्बे धागे से बांधे, जिससे वह योनि से बाहर निकाली जा सके। लगभग 4 घंटे बाद या जब भी किसी तरह का कष्ट हो, पोटली बाहर निकाल लें। इससे Leukorrhea Problem ठीक हो जाता है और आराम मिलता है। मेथी-पाक या मेथी-लड्डू खाने से सफेद पानी से छुटकारा मिल जाता है, शरीर हष्ट-पुष्ट बना रहता है। इससे गर्भाशय की गन्दगी को बाहर निकलने में सहायता मिलती है। गर्भाशय कमजोर होने पर योनि से पानी की तरह पतला स्राव होता है। गुड़ व मेथी का चूर्ण 1-1 चम्मच मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से प्रदर बंद हो जाता है।
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