Safed Pani Aana Ki Samasya Aur Gharelu Upchaar सफेद पानी आना की समस्या और घरेलू उपचार
Safed Pani Aana Ki Samasya Aur Gharelu Upchaar
ल्युकोरीया-
सफेद पानी यानी ल्युकोरीया स्त्रियों को होने वाली खास समस्या है, जिसमे औरतों के योनी में सफेद पानी निकला करता है, जो कई दिनों तक या कई महीनो तक जारी रहता है। इस से योनी में खुजली और जलन होती है और ये बेहद दुर्गंध भरा होता है। इससे स्त्रियां कमजोर, परेशान और भरी जवानी में बूढ़ी दिखने लगती हैं। इन घरेलु नुस्खों को अपना कर स्त्रियों इस रोग से छुटकारा पा सकती हैं।
सफेद पानी का कारण:
सुस्ती भरा व आलसी जीवन, उत्तेजक पदार्थो का ज्यादा सेवन जैसे- मांस, मछली अंडा, शराब, चाय-काॅफी, कामोतेजक और अश्लील साहित्य, अधिक संभोग, सेक्स में विपरीत आसनों का प्रयोग करना, रोगग्रस्त पुरुष के साथ सेक्स करना, गर्भ निरोधक गोलियो का अधिक सेवन इत्यादि। इसके साथ ही बार-बार गर्भपात कराना भी एक खास कारण है।
सफेद पानी की समस्या में क्या खायें और क्या न खायें-
क्या खायें: हरी सब्जियां, फल जैसे- केले, मीठे अंगूर, सेब, फालसा, नारंगी, अनार, आंवला, पपीता, चीकू, मौसमी आदि, पुराने गेहूं की रोटी, सिंघाडे का आटा, पुराने चावल, चावल का मांड, दलिया, देसी गाय का दूध, घी, छांछ, मक्खन, अरहर, मूंग की दाल, कच्चे केले की सब्जी।
क्या ना खाये: तेल युक्त भोजन और मसालेदार भोजन से का सेवन त्याग दें।
सफेद पानी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए घरेलु नुस्खे-
केला और घी:
एक पका हुआ केला छील कर 6 ग्राम गाय के शुद्ध देसी घी के साथ रोज सुबह-शाम खायंे। 8 से 15 दिन के अंदर ये समस्या खत्म हो जायेगी। यदि केला और घी ठंडा असर करें, तो 4-6 बूंदे शहद मिला लें। मगर ख्याल रखें, शहद और घी समान मात्रा में कभी ना मिलायें वरना यह आपके स्वास्थ्य के लिए जहर का काम कर सकता है।
चावलों का मांड:
आधी कटोरी चावल पानी में उबाल लें और इस पानी को जो ना अधिक गाढ़ा हो और ना अधिक पतला, रोजाना शाम को 5-6 बजे खाना खाने से 2 घंटे पूर्व लें और ध्यान रहे, इसके 1-2 घंटे पूर्व और बाद में कुछ ना खायें और ना ही कुछ पियंे। ये इस रोग का सदियों पुराना सफल उपचार है।
आंवला:
1. सूखे आंवले और मिश्री को अलग-अलग बारीक कूटकर मिला लें और सुबह-शाम खाली पेट 1-1 चम्मच लें। सिर्फ 10-15 दिन लेने से ही ये रोग सही हो जायेगा। 2. आंवला पिसा एक चम्मच 2-3 चम्मच शहद रोज दिन में एक बार खायें। 30 दिनों तक खटाई से परहेज करें। 3. आंवले का रस व शहद लगातार एक माह तक लें, हत मिलेगी। कुल मिला कर ये कह सकते हैं कि आंवला स्त्रियों के प्रदर रोग में रामबाण की तरह असर करता है। चाहे आप आवलें की सब्जी खाएं, मुरब्बा खाएं, चटनी खाएं। मगर स्त्रियों इसका नियमित सेवन करना चाहिए।
अशोक की छाल:
श्वेत प्रदर में अशोक की छाल का चूर्ण और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर गाय के दूध के साथ 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार कुछ हफ्ते तक सेवन करते रहने से सफेद पानी की परेशानी में राहत पहुंचती है। खूनी प्रदर में अशोक की छाल, सफेद जीरा, दालचीनी और इलायची के बीज को उबाल कर काढ़ा तैयार करें और छानकर दिन में 3 बार सेवन करें।
नागकेशर:
नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में छांछ के साथ पीने से ल्यूकोरिया की बीमारी से निजात मिल जाती है।
गुलाब के फूल:
गुलाब के फूलों को छाया में अच्छी तरह से सुखा लें। फिर इसे बारीक पीसकर बने पाउडर को लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में हर रोज सुबह-शाम दूध के साथ लेने से श्वेतप्रदर(ल्यूकोरिया) से छुटकारा मिलता है।
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मुलहठी:
मुलहठी को पीसकर पाउडर बना लें। फिर इसी पाउडर को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह-शाम पीने से सफेद पानी आना की समस्या समाप्त हो जाती है।
बड़ी इलायची और माजूफल:
बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले सफेद पानी की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
जीरा और मिश्री:
जीरा और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इस चूर्ण को चावल के धोवन के साथ प्रयोग करने से ल्यूकोरिया में राहत पहुंचती है।
सेंके हुए चने:
सेंके हुए चने पीसकर उसमें खांड मिलाकर खाएं। ऊपर से दूध में देशी घी मिलाकर पीयें, इससे सफेद पानी की समस्या दूर होती है।
जामुन की छाल या गुठली:
छाया में सुखाई जामुन की छाल का चूर्ण या जामुन की गुठली का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार पानी के साथ कुछ दिन तक रोज खाने से फायदा पहुंचता है।
फिटकरी:
चैथाई चम्मच पिसी हुई फिटकरी पानी से रोजाना 3 बार फंकी लेने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग ठीक हो जाते हैं। फिटकरी पानी में मिलाकर योनि को गहराई तक सुबह-शाम धोएं और पिचकारी की सहायता से साफ करें। ककड़ी के बीजों का गर्भ 10 ग्राम और सफेद कमल की कलियां 10 ग्राम पीसकर उसमें जीरा और शक्कर मिलाकर 7 दिनों तक सेवन करने से स्त्रियों का ये रोग दूर हो जाता है।
गूलर:
रोजाना दिन में 3-4 बार गूलर के पके हुए फल 1-1 करके सेवन करने से ल्यूकोरिया की बीमारी में राहत मिलती है। मासिक-धर्म में खून अधिक जाने में पांच पके हुए गूलरों पर चीनी डालकर हर रोज सेवन करने से फायदा पहुंचता है। गूलर का रस 5 से 10 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर स्त्रियों को नाभि के निचले हिस्से में पूरे पेट पर लेप करने से स्त्रियों के श्वेतप्रदर(ल्यूकोरिया) के रोग में आराम आता है।
नीम और बबूल:
नीम की छाल और बबूल की छाल को समान मात्रा में मोटा-मोटा कूटकर, इसके चैथाई भाग का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम लेने से श्वेतप्रदर में फायदा होता है। खूनी प्रदर में 10 ग्राम नीम की छाल के साथ समान मात्रा को पीसकर 2 चम्मच शहद को मिलाकर एक दिन में 3 बार खुराक के रूप में पिलायें।
मेथी:
मेथी के पाउडर के पानी में भीगे हुए कपड़े को यौनांग में रखने से सफेद पानी की समस्या दूर होती है। रात को 4 चम्मच पिसी हुई दाना मेथी को सफेद और साफ भीगे हुए पतले कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर अन्दर जननेन्द्रिय में रखकर सोयें। पोटली को साफ और मजबूत लम्बे धागे से बांधे, जिससे वह योनि से बाहर निकाली जा सके। लगभग 4 घंटे बाद या जब भी किसी तरह का कष्ट हो, पोटली बाहर निकाल लें। इससे Leukorrhea Problem ठीक हो जाता है और आराम मिलता है। मेथी-पाक या मेथी-लड्डू खाने से सफेद पानी से छुटकारा मिल जाता है, शरीर हष्ट-पुष्ट बना रहता है। इससे गर्भाशय की गन्दगी को बाहर निकलने में सहायता मिलती है। गर्भाशय कमजोर होने पर योनि से पानी की तरह पतला स्राव होता है। गुड़ व मेथी का चूर्ण 1-1 चम्मच मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से प्रदर बंद हो जाता है।
पीपल:
पीपल के पत्ते तोड़ कर इसमें से बहने वाला दूध की 10 से 12 बूंदे बताशे में डाल कर एक महीने तक रोजना सुबह खाली पेट खाएं और ऊपर से गाय का गर्म दूध पिएं। ऐसा सुबह और शाम दोनों समय करंे। एक महीने में यह परेशानी खत्म हो जायेगी।
और हां, याद रखें एक महीने ‘प्रयोग काल’ तक संभोग न करें। अन्यथा इस रोग को सही होने में काफी समय लग सकता है।
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