Safed Pani Ki Samasya Ka Ayurvedic Ilaj

Safed Pani Ki Samasya Ka Ayurvedic Ilaj

सफेद पानी की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज

श्वेत प्रदर(ल्यूकोरिया)-

प्रदर का शाब्दिक अर्थ स्राव होता है, किन्तु श्वेत प्रदर का प्रचलित अर्थ गर्भाशय सो योनि मार्ग द्वारा स्रावित होने वाले स्त्राओं से हैं, जिनका रंग श्वेत होता है। यह स्वयं में स्वतंत्र रूप से कोई रोग नहीं है, बल्कि लक्षण मात्र है जोकि केवल महिलाओं में ही होता है।

सफेद पानी जाने का कारण-

मासिक धर्म प्रथम तीन दिनों में स्नान करने से, अधिक संभोग करने से, अधिक चिंता करना, कामोत्तेजक चित्र देखने से एवं अश्लील गाने सुनने एवं गंदी फिल्में एवं गंदे चित्र देखने से, अत्यधिक विषय विकार से तथा परिश्रम न करने से, तेल खटाई, लाल मिर्च, प्याज, अण्डा, मांस, चाय आदि अधिक प्रयोग करने से, गुप्तांगों को ठीक प्रकार से सफाई न करने से योनि के अंदर सूजन आदि पैदा करने वाले सूक्ष्म कृमियों के अंदर चले जाने से इंफेक्शन होने पर स्त्रियों की योनि में श्वेत लेसदार दुर्गन्धित पानी-सा बहता है, स्त्रियां इसे सामान्य रोग मानकर चुपचाप रहती है एवं अपने रोग को छुपाये रहती हैं, जिससे रोग अपना पूरा प्रभाव जमा लेती है।

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श्वेत प्रदर की सामान्य चिकित्सा-

1. सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

2. हल्के गर्म पानी से योनि को धोना चाहिए।

3. पिचकारी से योनि को धोना और भी लाभदायक होता है।

4. गर्भावस्था में पिचकारी का प्रयोग जोखिम पूर्ण हो सकता है।

5. ऐसी स्थिति में सहवास बहुत कम करें।

6. योनि को त्रिफला अथवा सोडा(खाने वाला) के मिले पानी से छींटे मारने चाहिए। आधा लिटर पानी में 12 ग्राम त्रिफला भिगोकर रखना या 1 लीटर पानी में 6 ग्राम सोडा डालना। इनकी पिचकारी डूश करना उत्तम है।

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श्वेत प्रदर पर एकौषधि एवं साधारण प्रयोग-

1. गूलर 6 ग्राम या रसौंत आधा ग्राम सुबह-शाम पीने से फांक लें, मक्खन मिलाकर प्रयोग करना चाहिए।

2. 25 ग्राम आंवला रात को एक चैथाई लीटर पानी में भिगो दें। सवेरे उनका पानी निथार लें। उसी पानी में 12-12 ग्राम शहद या खांड मिलाकर पीयें।

3. कीकर का गोंद, कहरवा, पीली कौड़ी, ढाक का गोंद अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छान कर समभाग मिला लें। 2-2 ग्राम सुबह-शाम ठंडे पानी से खायें। गर्म, खट्टे और गरिष्ठ पदार्थों से दूर रहें।

4. जो सफेद पानी, पेशाब के साथ और बहुत पीड़ा से निकलता है। इसके लिए यह उपाय करें, ब्रांडी 12 ग्राम, पानी 125 ग्राम मिलाकर उसके साथ मोटी इलायची 3 ग्राम और तेजपत्ता 2 ग्राम रात को एक ही बार प्रयोग करें।

Safed Pani Ki Samasya Ka Ayurvedic Ilaj

5. श्वेत प्रदर की रूग्णा को सर्वप्रथम अपने आहार से सुधार की ओर ध्यान देना चाहिए। आलू, अरबी, गोभी, मांस, मछली चटपटी चीजें आदि को छोड़ देना चाहिए।

6. श्वेत प्रदर से ग्रस्त महिला को प्रतिदिन नमक व जीरा मिलाकर छांछ अवश्य पीना चाहिए। चावल का धोवन बनाकर इसमें दूब की साफ की हुई जड़ घोंट पीसकर छान लें और पी लें। इससे प्रदर रोग शर्तिया ठीक हो जाता है।

7. 50 ग्राम चावल को मोटा-मोटा कूटकर एक गिलास पानी में मिलाकर रख दें। 2-3 घण्टे बाद खूब मसल कर छान लें। यही पानी चावल का धोवन या चावल का पानी है। बाजार से पुष्पनुग चूर्ण मिलता है। इसकी 2-2 ग्राम मात्रा में फांक कर ऊपर से शहद मिलाकर एक कप चावल का पानी पीने से प्रदर रोग शांत हो जाता है। परीक्षित है। एक कप पानी में 1-2 चम्मच शहद डाल सकते हैं।

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