Safed Pani Ki Samasya Ka Gharelu Ilaj Kaise Kare

Safed Pani Ki Samasya Ka Gharelu Ilaj Kaise Kare

सफेद पानी की समस्या का घरेलु इलाज कैसे करें

श्वेत प्रदर(ल्यूकोरिया)-

महिलाओं को होने वालीइस समस्या में जननेन्द्रिय से जो अस्वाभाविक बहाव को प्रदर कहते हैं। यदि इस स्राव में रक्त ज्यादा आता हो तो यह रक्त प्रदर की श्रेणी में आता है और यदि स्राव यानी द्रव्य रूपी बहाव सफेद रंग में हो तो यह श्वेत प्रदर की श्रेणी में आता है। स्त्रियों को सफेद पानी जाना जिसे अंग्रेजी भाषा ल्यूकोरिया भी कहते हैं, में सिर चकराना, कमर दर्द, पाचन विकार, शारीरिक कमजोरी आदि लक्षण होत हैं। कई बार यह रोग उपसर्ग रूप में होता है। मुख्य रोग कोई और हो सकता है। मूल रोग मासिक धर्म संबंधी विशेष रूप से होते हैं जैसे कुछ स्त्रियों के लगातार स्राव होता है। वात-पित्तादि दोष के अनुसार यह पीड़ायुक्त, जलनयुक्त या शीतल स्वभाव का होता है।

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श्वेत प्रदर की देसी चिकित्सा-

Safed Pani Ki Samasya Ka Gharelu Ilaj Kaise Kare

1. शतावर और गिलोय को औटाकर पीने से ल्यूकोरिया में लाभ होता है।

2. अनार की जड़ की छाल 50 ग्राम को पानी 1 लीटर में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाये, तब उसमें फिटकरी 3 ग्राम डालकर उस पानी की पिचकारी योनि में करने से श्वेतप्रदर, रक्त प्रदर और गर्भाशय के व्रणों में लाभ होता है।

3. गिलोय का काढ़ा या श्वेत निर्यास सुबह-शाम पीने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है।

4. जुआर के दो साँठे का रस नित्य सुबह चूसने से पुराना प्रदर रोग और प्रमेह में लाभ होता है।

5. पीपल के चूर्ण और काकमाची के रस में नाग भस्म(सीसा भस्म) मिलाकर लेने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है।

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6. सांगवान की छाल का हिम बनाकर नित्य सुबह-शाम पीने से श्वेत प्रदर में लाभ होता है।

7. पुनर्नवा पंचांग 3 ग्राम, भृंगराज 2 ग्राम, मिश्री 5 ग्राम, चूर्ण करके पानी के साथ दें। प्रदर तथा गर्भाशय के विकार और शोथ में भी हितकर है।

8. बड़ी इलायची 10 ग्राम, छोटी इलायची 5 ग्राम, दालचीनी 1 ग्राम मिलाकर चूर्ण करें। इसकी चार मात्राएँ कर लें। इसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर पानी के साथ पीड़िता स्त्री को दें। श्वेत प्रदर में लाभकारी है।

9. केले की पकी हुई फली भी श्वेत प्रदर में लाभ करती है। उस पर छोटी इलायची का चूर्ण बुरक कर देना चाहिए।

10. नीम का तेल 1 चम्मच, चैगुने गोदुग्ध में मिलाकर सेवन करायें तथा ऊपर से भी मिश्रीयुक्त गोदुग्ध पिलायें। इससे प्रदर के सभी उपसर्ग तथा विषैला प्रभाव नष्ट होता है।

11. हंसपदी का चूर्ण दही में मिलाकर सेवन करायें। सफेद पानी की समस्या समाप्त होती है।

12. वासा स्वरस और शहद मिलाकर पिलायें। रक्त प्रदर में लाभकारी है।

13. श्वेत चन्दन और मिश्री समान भाग का सूक्ष्म चूर्ण दूब के रस में मिलाकर पिलायें। दोनों प्रकार के प्रदर रोग में लाभकारी है।

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14. सूखा सिंघाड़ा चूर्ण करके रखें और 3-3 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करायें। सब प्रकार के प्रदर में लाभ करेगा।

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