Stri Rog Shwet Pradar Ki Ayurvedic Chikitsa

Stri Rog Shwet Pradar Ki Ayurvedic Chikitsa

सफेद पानी की समस्या(ल्यूकोरिया)

स्त्रियों में योनि मार्ग से निकले वाले सफेद लेसनुमा चिपचिपा व बदबूदार द्रव्य बहता है, जिसे ‘ल्यूकोरिया’ कहते हैं। वैसे तो यह समस्या एक आम समस्या है, लेकिन वक्त रहते इसकी रोकथाम न की जाये तो यह गंभीर रूप ले लेती है। यह रोग केवल भारत में नहीं, बल्कि कई देशों में स्त्रियों को अपनी जकड़ में बनाये हुए है।

स्त्री रोग श्वेत प्रदर की आयुर्वेदिक चिकित्सा-

Stri Rog Shwet Pradar Ki Ayurvedic Chikitsa

1. दारूहल्दी, रसौंत, वासा, नागरमोथा, चिरायता, बेलमगिरी, शुद्ध भल्लातक और कुमुद समान भाग के क्वाथ में शहद मिलाकर रोगी स्त्री को पिलाने से सब प्रकार के पीले, काले, नीले, लाल अथवा श्वेत प्रदर रोग नष्ट हो जाते हैं। अति पीड़ायुक्त प्रदर में भी यह योग बेहद उपयोगी है।

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2. कठूमर के फल के स्वरस में मधु मिलाकर पिलायें। इससे रक्त प्रदर दूर हो जाता है। इस औषधि के सेवनकाल में रोगिणी को केवल दूध, चावल और शर्करा ही खाने का निर्देश देना चाहिए। कुशा की जड़ और खिरेंटी की जड़ के चूर्ण को चावलों के पानी के साथ पिलायें। रक्त प्रदर में हितकर है। अथवा केवल खिरेंटी की जड़ का कल्क बनावें और उसे दूध में डालकर गर्म करके पिलायें। रक्त प्रदर दूर होगा।

3. बेर का चूर्ण गुड़ में मिलाकर रक्त प्रदर में सेवन कराने से शीघ्र लाभ होता है।

4. लाख का चूर्ण गोघृत में मिलाकर खिलाने से रक्त प्रदर में लाभ संभव है।

5. आंवले के बीजों का कल्क शर्करा और शहद के साथ सेवन करायें। इससे तीव्र प्रदर में लाभ होता है।

6. श्वेत जीरा का चूर्ण 2 ग्राम, मिश्री 1 ग्राम का चूर्ण कड़ुए नीम की छाल के काढ़े में शहद मिलाकर सेवन कराने से श्वेत प्रदर मेें लाभ होता है।

7. गूलर का पका फल साबुत खाकर ऊपर से ताजा पानी पीयें, तो श्वेत प्रदर दूर होगा।

8. गूलर के फल का स्वरस मधु-योग के साथ सेवन किया जाये।

Stri Rog Shwet Pradar Ki Ayurvedic Chikitsa

9. मुल्तानी मिट्टी 3 ग्राम को समान भाग मिश्री के साथ मिलाकर चूर्णित करें और उसे ताजा पानी के साथ सेवन करायें। श्वेत प्रदर में हितकर है।

10. मोचरस का 1 ग्राम चूर्ण बकरी के दूध के साथ श्वेत प्रदर ग्रस्त रोगिणी को सेवन कराना चाहिए।

11. आंवला चूर्ण 3 ग्राम, मधु-योग से सुबह-शाम सेवन कराना भी श्वेत प्रदर में लाभकारी है।

12. कपास की जड़ का चूर्ण चावलों के धोवन के साथ दें अथवा कपास की जड़ को चावलों के धोवन के साथ पीसकर पीयें। सफेद पानी की समस्या लाभ पहुंचेगा।

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13. माजूफल का चूर्ण 1 से 2 ग्राम तक की मात्रा में ताजा पानी के साथ सुबह-शाम देने से स्त्री रोग प्रदर में फायदा पहुंचता है।

14. श्वेत मूसल का चूर्ण 3 ग्राम, आंवला-पानक के साथ दें। श्वेत प्रदर दूर होगा।

15. नागकेशर का चूर्ण 3 ग्राम ताजा पानी के साथ देने से सफेद पानी की समस्या से निजात मिलेगी।

16. अनार के पत्ते 20 ग्राम, काली मिर्च 5 नग, सोंफ 1 ग्राम, पानी के साथ पीसकर छानें और सुबह के समय पिलायें। श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर तथा उनके उपसर्ग दूर होंगे।

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